Garhwa

बाल श्रम उन्मूलन हेतु ईंट भट्ठों का निरीक्षण, कोई बाल श्रमिक नहीं पाया गया

घटना के मुख्य बिंदु:

  • गढ़वा जिले के डंडई और नगर प्रखंड में बाल श्रम उन्मूलन हेतु निरीक्षण।
  • श्रम अधीक्षक संजय आनन्द के नेतृत्व में बाल श्रमिकों की औचक जांच।
  • निरीक्षण के दौरान कोई भी बाल श्रमिक कार्यरत नहीं पाया गया।
  • ईंट भट्ठे के मालिकों को चेतावनी, बाल श्रम पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का निर्देश।
  • बाल श्रम करने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा और जुर्माना का प्रावधान।

पूरी खबर का विवरण:

07 जनवरी 2025 को गढ़वा जिले के डंडई और नगर प्रखंड में श्रम अधीक्षक संजय आनन्द की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन हेतु एक धावा दल द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में ईंट भट्ठों पर बाल श्रमिकों की तलाश की गई, लेकिन कोई बाल श्रमिक कार्यरत नहीं पाया गया।

श्रम अधीक्षक संजय आनन्द ने ईंट भट्ठों के मालिकों को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि यदि भविष्य में किसी ईंट भट्ठे पर बाल श्रमिक पाए जाते हैं, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि बाल श्रम करने पर नियोजकों को 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा और 20,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, या फिर दोनों दंड का प्रावधान है।

निरीक्षण दल के सदस्य:

  • संजय आनन्द (श्रम अधीक्षक)
  • प्रणव कुमार (अध्यक्ष, CWC)
  • संजय ठाकुर (संरक्षण अधिकारी, DCPU)
  • राजीव कुमार रवि (जिला समन्वयक, CHL गढ़वा)
  • गणेश कुमार (जिला समन्वयक, लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान)
  • दीपक कुमार (आउटरीच वर्कर, DCPU)
  • PLV (DLSA)

प्रशासन की अपील:

बाल श्रम उन्मूलन हेतु कठोर कदम उठाए जा रहे हैं, और सभी संबंधित नियोजकों से अपील की जाती है कि वे बाल श्रमिकों का उपयोग न करें

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‘न्यूज़ देखो’ के माध्यम से सभी प्रशासनिक कार्यवाहियों और बाल श्रम उन्मूलन से जुड़ी ताजा जानकारी

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